भगवान विष्णु का कूर्म अवतार (वह है जो कछुआ के रूप में जाना जाता है) हिंदू धर्म के दस अवतारों में से दूसरा है।
इस अवतार के अनुसार, देवताओं और असुरों के विवाद में शर्मिष्ठा नाम की एक राजकुमारी का अपहरण हो गया था। उसने अपनी स्त्री सेवकी को भी साथ ले जाकर उसे छोड़ दिया। शर्मिष्ठा की सेवकी का नाम सुनंदा था।
विष्णु जी ने इस अवतार में कूर्म बन कर समुद्र में तैरते हुए शर्मिष्ठा के पास आए और उसे सहायता की।
उन्होंने समुद्र में उतरकर अपने पूर्वजों के अमूल्य रत्नों को खोजा और उन्हें देवताओं को लौटाया। इस अवतार का उद्देश्य था अमूल्य संपदाओं को बचाना और संसार को पुनर्निर्माण करना।
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